एक ब्लॉग या वेबसाइट को Google पर Rank करवाने में SEO (Search Engine Optimization) का बहुत बड़ा हाथ होता है। यह न सिर्फ Website को Rank करवाने में मदद करता है बल्कि अच्छा-खासा Traffic भी दिलाता है। इसीलिए बतौर एक Blogger आपको पता होना चाहिए कि SEO Kya Hai? और यह कैसे काम करता है? साथ ही एसईओ से रिलेटेड महत्वपूर्ण Tools और Techniques के बारे में भी पूरी जानकारी होनी चाहिए। ताकि आप अपने Blog को आसानी-से Rank करवा सकें।
अगर आप Blogging में नये हैं और SEO के बारे में विस्तार से सीखना चाहते हैं! तो यह आर्टिकल खास आपके लिए है। क्योंकि इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि Search Engine Optimization Kya Hai? यह कैसे काम करता है? कितने प्रकार का होता है? और एक Blog या Website का SEO कैसे किया जाता है? साथ ही SEO के मुख्य Factors कौन-कौनसे हैं? और इसके लिए कौन-कौनसे Tools और Techniques का इस्तेमाल किया जाता है? अगर आप भी इन तमाम सवालों का जवाब जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़िए।
SEO (Search Engine Optimization)
आजकल लोग हर Information को Online Search करना पसंद करते है। इसीलिए आप किसी भी महत्वपूर्ण जानकारी को अपने Blog Articles के जरिए ऑनलाइन उपस्थित करा सकते हैं। और अच्छे-खासे पैसे कमा सकते हैं। क्योंकि जब भी कोई भी व्यक्ति आपके Article से संबंधित जानकारी को Google पर खोजेगा! तो उसे सबसे पहले आपके ब्लॉग का आर्टिकल दिखाई देगा। लेकिन यह तभी होगा, जब आप अपने प्रत्येक Article का ठीक से SEO करेंगे।
क्योंकि जब तक आपकी Website गूगल पर Show नहीं होगी, तब तक आपको पर्याप्त Traffic नहीं मिलेगा। यानि कि लोग आपकी वेबसाइट पर विजिट नहीं करेंगे। और अगर लोग विजिट ही नहीं करेंगे, तो फिर वेबसाइट रन करने और Content लिखने का क्या फायदा? है कि नहीं? इसीलिए SEO जरूरी है। क्योंकि यह Blogging की जान है।
SEO एक ऐसा तरीका है, जिसकी मदद से आप अपने Blog अथवा Business Website को टॉप पर रैंक करा सकते हैं। और Google के पहले पेज पर (यानि Top 10 Search Results में) दिखा सकते हैं। लेकिन अगर आपको SEO का ज्ञान नहीं है! तो आप कितना भी अच्छा और Quality Content लिख लीजिए, पर आपका ब्लॉग Top 10 Results में नहीं दिखेगा। इसीलिए SEO के बारे में जानना बहुत जरूरी है। तो आइये! सबसे पहले यह समझते हैं कि एसईओ है क्या? What Is SEO? आइये जानते हैं!
What is SEO?
SEO का फुल फॉर्म है Search Engine Optimization. यानि कि किसी ब्लॉग, वेबसाइट या वेबपेज को सर्च इंजन के अनुसार ऑप्टिमाइज करना। ताकि Search Engines उसे आसानी से ढूँढ सकें। आपको बताना चाहूँगा कि SEO कोई एक तरीका या Technique नहीं है। बल्कि यह बहुत सारी Techniques और Processes का एक समूह है, जो एक वेबसाइट, ब्लॉग पोस्ट तथा वेबपेज को Google पर Rank में मदद करता है।
अगर आसान भाषा में कहें तो, SEO (Search Engine Optimization) का मतलब है, किसी Content (ब्लॉग पोस्ट, वेबपेज, ईमेज, वीडियो आदि) को इस तरह से ऑप्टिमाइज़ करना कि जब कोई यूजर उसे Internet पर खोजे, तो उसे वह (Content) SERP (Search Engine Results Page) के टॉप पर दिखाई दे। अर्थात् Google जैसे सर्च इंजन्स उसे पहले Page पर दिखाऐं। SEO कोई स्विच नहीं है, जिसे दबाया और On हो गया। यह एक निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है।
SEO vs Paid Promotion
SEO और Paid विज्ञापन के बीच महत्वपूर्ण अंतर यह है कि SEO में “ऑर्गेनिक” रैंकिंग शामिल है। जिसका अर्थ है कि आप गूगल या किसी भी Search Engine में Top पर रैंक करने और टीके रहने के लिए भुगतान नहीं करते।
ऑर्गेनिक Search Traffic आमतौर पर उच्च-गुणवत्ता वाला ट्रैफ़िक होता है। क्योंकि उपयोगकर्ता सक्रिय रूप से किसी विशिष्ट विषय, उत्पाद या सेवा की खोज कर रहे होते हैं। जिसके लिए कोई साइट रैंक कर सकती है। यदि कोई उपयोगकर्ता उस साइट को Search इंजन के माध्यम से ढूंढता है! तो इससे आपकी Website पर बेहतर User Engagement होता है।
SEO क्यों जरूरी है?
अब सवाल यह है कि आखिर SEO इतना जरूरी क्यों है? Why is SEO necessary? आइए समझते हैं. जरा सोचिए कि कोई यूजर Google पर जाता है और “SEO Kya Hai” टाइप करता है! इससे क्या पता चलता है? जाहिर है यूजर को SEO के बारे में जानना है। और अगर आपने “SEO Kya Hai” और यह कैसे किया जाता है, इस विषय पर जानकारी से भरपूर एक अच्छा आर्टिकल लिखा है। तो आप जरूर चाहेंगे कि यूजर आपकी पोस्ट पढ़े। लेकिन यूजर आपकी पोस्ट तभी पढ़ पाएगा, जब आपकी पोस्ट उसे टॉप-5 या Top-10 Results में दिखाई देगी।
इसके लिए आपको “SEO Kya Hai” शीर्षक के साथ जो Websites पहले से रैंक कर रही हैं, उनको पछाड़कर उनसे ऊपर रैंक करने की आवश्यकता होगी। जो कि आसान नहीं है, लेकिन SEO इसी तरह से काम करता है। इसी को SEO Marketing कहा जाता है।
आपको बताना चाहूंगा कि दुनियाभर में जितने भी Online Search होते हैं। उनमें से अधिकांश Search गूगल से शुरू होते हैं। और ये कुल Searches के 75 फीसदी से भी ज्यादा हैं। यानि कि गूगल दुनिया का सबसे बड़ा Search Engine है। और सबसे ज्यादा Traffic भी गूगल से ही आता है। इसीलिए SEO की मदद से अपने ब्लॉग अथवा वेबसाइट को Google पर Rank करवाना बहुत जरूरी है।
लेकिन उससे पहले आपको यह समझना होगा कि Search Engine कैसे काम करता है। ताकि आप अपने Blog तथा Blog Posts को Fully Optimize कर सकें। तो आइए, जानते हैं की SEO काम कैसे करता है?
Search Engine काम कैसे करता है?
क्या आपने कभी सोचा है कि Google, Yahoo और Bing जैसे Search Engines असल में काम कैसे करते हैं? अगर नहीं तो कोई बात नहीं। आइए, समझते हैं।
असल में, एक Search Engine के पास बहुत सारे Bots (रोबोट्स) होते हैं! जो लगातार काम करते रहते हैं। ये बोट्स कई तरह के होते हैं। इनमें से जो Websites को Crawl करते हैं, उन्हें Crawler कहा जाता है! ये वेबसाइट्स को क्रॉल (स्कैन) करते हैं। और उनके Content को Search Engine पर List/Update करते रहते हैं। अर्थात कॉन्टेंट को उसकी Quality, मौलिकता और उपयोगिता आदि के आधार पर सर्च इंजन पर Index करते हैं। यह काम हर वक्त चलता रहता है।
दूसरी तरफ, जब आप किसी Search Engine (उदाहरण के लिए Google) पर कुछ खोजते हैं! तो एक Algorithm वास्तविक समय में आप तक Result पहुँचाने का काम करता है। ताकि आपको “सर्वश्रेष्ठ” खोज परिणाम मिल सकें।
विशेष रूप से, जब आप कोई Keyword Search करते हैं! तो Google के Bots अनगिनत पेजों को Scan करते हैं। और उनमें से वे Pages खोजकर लाते हैं, जो आपके कीवर्ड से Related होते हैं। लेकिन ये पेजेज आपको ऐसे ही नहीं दिखाए जाते। इन्हें User Intent और Query के हिसाब से Format किया जाता है। और Content की Quality, Usability, Trust, Websites की Rank आदि हिसाब से घटते क्रम (बेहतर से बदतर के क्रम) में दिखाया जाता है। ताकि आपको सर्वश्रेष्ठ परिणाम मिल सकें।
Google “सर्वश्रेष्ठ” परिणाम कैसे निर्धारित करता है?
दरअसल, Google अपने Algorithms के आंतरिक कामकाज को सार्वजनिक नहीं करता। क्योंकि अगर गूगल ने ऐसा किया, तो चाइना वाले रातों-रात Copy करके Google का चाइनीज वर्जन Choogle लॉन्च कर देंगे। और गूगल को चौपट कर देंगे। इसीलिए अच्छा ही है कि गूगल अपनी टेक्नोलॉजी को सार्वजनिक नहीं करता। लेकिन हम जानते हैं कि Google एक Website या Webpage को किस आधार पर रैंक करता है। तो देर किस की? आइए, जानते हैं उन Factors को, जिनके आधार पर एक वेबसाइट या वेबपेज को रैंक किया जाता है :-
1. Relevancy
यह Search Engine का पहला और सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर है। क्योंकि हर यूजर यही चाहता है, कि उसे उसकी Query से Related खोज परिणाम दिखाए जाऐं। उदाहरण के लिए, अगर आप “SEO Kya Hai” सर्च करते हैं! तो जाहिर है आप “गाजर का हलवा बनाने की विधि” तो नहीं जानना चाहेंगे। ऐसे में अगर कोई सर्च इंजन आपको ऐसे बेसिर-पैर के खोज परिणाम दिखाएगा, तो उसकी क्या उपयोगिता रह जाएगी? इसलिए Google उन Webpages को प्राथमिकता देता है, जो यूजर की Query या Keyword से Related होते हैं।
हालाँकि, Google सबसे अधिक Relevant पेजों को Top पर दिखाने की कोशिश करता है। लेकिन हर बार ऐसा संभव नहीं होता। क्योंकि प्रत्येक Keyword Search के लिए हजारों (या लाखों) Relevant पेज होते हैं। उदाहरण के लिए “SEO Kya Hai” कीवर्ड के लिए Google पर 76.60 लाख से भी ज्यादा Page मौजूद हैं। ऐसे में यह कहना सरासर गलत होगा कि इतने सारे पेजों में से सिर्फ 10 पेज ही सबसे ज्यादा Relevant हैं।
अब आप सोच रहे होंगे कि जब इतना भयंकर Competition है तो हम अपने वेबपेज को कैसे रैंक करा सकते हैं? तो आपको बताना चाहूँगा कि बिल्कुल Rank करा सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको SEO का Knowledge होना जरूरी है। क्योंकि Search Engine Optimization (SEO) ही वह तरीका है, जिसकी मदद से आप अपने वेबपेज को Top पर रैंक करा सकते हैं।
2. Authority
दूसरा महत्वपूर्ण फैक्टर है Authority यानि कि अधिकार। इसका मतलब यह है कि Content कितना सही, सटीक और विश्वसनीय है? अर्थात लेखक का अपने विषय पर कितना अधिकार (नॉलेज) है? उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि Rocket की कार्यप्रणाली पर 2 आर्टिकल्स हैं। जिनमें से पहला आर्टिकल एक किसान ने लिखा है। और दूसरा एक NASA Scientist ने। अब आप ही बताइए कि दोनों मेंं से कौनसा आर्टिकल ज्यादा सही और विश्वसनीय माना जाएगा? जाहिर-सी बात है, Nasa Scientist का आर्टिकल ज्यादा विश्वसनीय माना जाएगा। क्योंकि उसे रॉकेट्स के बारे में किसान से ज्यादा नॉलेज है।
इसी तरह अगर आप Heart Sugery के बारे में कोई आर्टिकल पढ़ रहे हैं। और उसको किसी माली ने लिखा है! तो जाहिर-सी बात है, वह उतना विश्वसनीय नहीं होगा, जितना कि एक हार्ट सर्जन का लिखा हुआ आर्टिकल। इसी तरह “SEO Kya Hai” विषय पर अगर कोई Blogger, SEO Person या Marketing से जुड़ा व्यक्ति आर्टिकल लिखेगा, तो वह ज्यादा सटीक और विश्वसनीय माना जाएगा।
बिल्कुल इसी तरह एक Website की भी Authority होती है, जो Relevant और Quality Backlinks से तय होती है। यानि कि एक बहुत ही अच्छा टूल है. यानि कि जिस वेबसाइट से जितनी ज्यादा Relevant और High DA PA वाली Websites Linked होती हैं, उसकी अथॉरिटी उतनी ही अधिक होती है। और ज्यादा अथॉरिटी का मतलब है, SERP Ranking में विशेष प्राथमिकता।
3. Usefulness
तीसरा महत्वपूर्ण फैक्टर है Usefulness यानि कि उपयोगिता। असल में, टॉप पर Rank करने के लिए सिर्फ Relavancy और Authority काफी नहीं है। इसके लिए Content की उपयोगिता भी देखी जाती है। अर्थात् किसी भी वेबपेज को रैंक करते वक्त Google यह देखता है कि वह यूजर्स के लिए कितना उपयोगी है?
इस संबंध में Google ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि “उच्च गुणवत्ता वाले कॉन्टेंट” और “उपयोगी कॉटेन्ट” में बहुत फर्क है। असल में, ये दोनों अलग हैं। यह जरूरी नहीं है उच्च गुणवत्ता वाला कॉन्टेंट यूजर्स के लिए उपयोगी भी हो। नहीं समझे? चलिए, एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं।
मान लीजिए कि आपने गूगल पर “SEO Kya Hai” सर्च किया। और पहले रिजल्ट पर क्लिक करके एक वेबसाइट पर गए। जो कि काफी Relevant और High Authority वाली Website है। मगर इसका कॉटेन्ट बहुत कठिन है। इतना कठिन कि आप कुछ ही सैकंड्स में वेबसाइट बंद करके वापिस लौट आते हैं।
अब आप एक दूसरी वेबसाइट पर विजिट करते हैं, जिसकी Authority काफी कम है। लेकिन Content बहुत अच्छा है। इस वेबसाइट पर “SEO Kya Hai” विषय पर न सिर्फ विस्तार से जानकारी दी गई है। बल्कि हर बिन्दु को बहुत ही सरल व रोचक ढंग से समझाया गया है। जिसे पढ़ने के बाद आपके मन में कोई सवाल नहीं रहता। ऐसे में जाहिर है यह वेबसाइट SERP (Search Engine Results Page) Ranking में अच्छा प्रदर्शन करेगी। क्योंकि गूगल “User Experience” को महत्व देता है।
SEO कैसे काम करता है?
एसईओ, असल में Search Engines के हिसाब से काम करता है। यानि कि यह सर्च इंजन्स की Requirements के आधार पर Websites को Optimize करता है। ताकि वे Search Results में दिखाई दें। अगर आसान भाषा में कहें तो SEO आपकी वेबसाइट को उस Search Engine के हिसाब से अनुकूलित करता है, जिसके लिए आप रैंक करना चाहते हैं। जैसे कि Google, Bing, DuckDuckGo आदि।
विशेष रूप से, आपका काम यह सुनिश्चित करना है कि एक Search Engine आपकी वेबसाइट को किसी व्यक्ति की खोज के लिए सर्वश्रेष्ठ परिणाम के रूप में देखता है या नहीं?
अब आप पूछेंगे कि एक Search Engine “सर्वश्रेष्ठ” परिणाम कैसे निर्धारित करता है? तो यह एक Website की Authority, Relevancy, Content Quality, Loading Speed, और सैंकड़ों अन्य Factors पर निर्भर करता है। जैसे कि Google के एल्गोरिथम में 200 से भी ज्यादा Ranking Parameters हैं। इसी तरह हर सर्च इंजन के अपने-अपने पैरामीटर्स हैं।
SEO के फायदे
अब सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि आखिर SEO जरूरी क्यों है? Why is SEO necessary? और एक ब्लॉग या वेबसाइट के लिए एसईओ का क्या फायदा है? What are the benefits of SEO? आइए, विस्तार से समझते हैं।
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि World Wide Web पर अनगिनत वेबसाइट्स हैं। और इनमें से एक ही Keyword पर Rank करने वाली वेबसाइट्स की संख्या हजारों-लाखों में है। ऐसे में आप खुद समझ सकते हैं कि जो वेबसाइट 1000 वें नम्बर पर Rank कर रही है, उसको कितना Traffic मिलेगा? और जो वेबसाइट पहले नम्बर (या पहले पेज) पर रैंक कर रही है, उसको कितना ट्राफिक मिलेगा? जाहिर है आप समझ गए होंगे।
असल में, 1000 वें रिजल्ट तक कोई नहीं पहुँचेगा। क्योंकि ज्यादातर यूजर्स, पहले पेज से ही संतुष्ट होकर लौट जाते हैं। वे पहले पेज से आगे कभी नहीं बढ़ते। ऐसे में सबसे ज्यादा ट्राफिक इन्हीं Top-10 Wesites को मिलता है। इसीलिए Search Engine Optimization जरूरी है। ताकि आप अपनी वेबसाइट को 1000 वें स्थान से पहले स्थान तक ला सकें। और Traffic के साथ-साथ SEO के तमाम फायदे (All the Benefits of SEO) ले सकें। जैसे कि :-
Build Trust & Credibility
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि जो वेबसाइट Google के पहले पेज पर रैंक करती हैं, वह सबसे ज्यादा Trusted और High Quality वेबसाइट मानी जाती है। क्योंकि सर्च इंजन्स हमेशा Relevant और High Quality Content को ही सबसे उपर रखते हैं। ऐसे में SEO की मदद से आप अपनी वेबसाइट और Content की विश्वसनीयता को बढ़ा सकते है। सही Content और अच्छा User Experience आपकी वेबसाइट को उच्च रैंक दिला सकता है।
Reach To Maximum People
एसईओ की मदद से आप मनचाहे Keyword को Target कर सकते हैं। और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सकते हैं। क्योंकि एसईओ, User Intent के हिसाब से काम करता है। यानि कि यूजर भले ही Exact Keyword सर्च न करे, मगर फिर भी वह आपकी वेबसाइट पर पहुंच जाएगा।
अगर आप एक Business पर्सन हैं! और अपने उत्पादों या सेवाओं के लिए नये Customers ढूँढ रहे हैं! तो एसईओ आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। क्योंकि Search Engines विशिष्ट उत्पादों और सेवाओं के लिए Keywords का सहारा लेते हैं। और जो Business जिस Keyword या Query के लिए रैंक करना चाहे, वह SEO के जरिए रैंक कर सकता है।
Support Content Marketing
किसी खास Keyword पर रैंक करने के लिए आपके पास Quality Content का होना जरूरी है। क्योंकि कॉन्टेंट सबसे महत्वपूर्ण है। लेकिन अगर आपके पास Quality Content के साथ-साथ Relevant Keywords की सूची भी है! तो आप न सिर्फ SERP पर अच्छी रैंकिंग हासिल कर सकते हैं। बल्कि अपने यूजर्स को भी उपयोगी जानकारी दे सकते हैं। क्योंकि Content और SEO दोनों एक दूसरे के साथ तालमेल बिठाकर काम करते हैं।
अगर एक लाइन में कहें तो “SEO, Content Marketing का सबसे अच्छा और सबसे प्रभावी विकल्प है।” इसकी मदद से एक Business अपने ग्राहकों के साथ संवाद कर सकता है। उनकी राय/फीडबैक जान सकता है। Brand Awareness फैला सकता है। नये कस्टमर बना सकता है। अपनी Sales बढ़ा सकता है। और यहाँ तक कि अपने Business को तेजी-से Grow कर सकता है।
Local Searches में बेहतर रैंक
ऑनलाइन उत्पादों और सेवाओं की खोज करने वाले लोग अक्सर, स्थानीय खोज परिणामों को अधिक महत्व देते हैं। क्योंकि Hotels, Restaurants, Pubs, ATMs, Petrol Pumps, Hospitals और Shopping Malls जैसी जगहों के लिए Local Search Results बहुत उपयोगी होते हैं। इसीलिए हर सर्च इंजन्स अपनी Local Listing को बेहतर बनाने पर जोर देता है। Google का Google My Business App भी इसी का एक उदाहरण है, जो अब Google Maps में मर्ज हो गया है।
खैर, Local Searches में बेहतर रैंक पाने के लिए, आप अपने बिजनेस को Google Maps (My Business) में लिस्ट कर सकते हैं। ताकि जब भी कोई Google पर आपके बिजनस से रिलेटेड Keyword करे, आपका बिजनेस टॉप पर दिखाई दे। इससे आपको ज्यादा Customers और ज्यादा Traffic मिलेगा।
Get Qualified Results
एसईओ के प्रभाव को Measure करने के लिए कई सारे Tools और Services हैं। जैसे कि Google Analytics को ही ले लीजिए। यह एक फ्री टूल है, जो आपको Organic Traffic के बारे में In-Depth जानकारी मुहैया करवाता है। जैसे कि आपकी Website पर किस तरह के Visitors आ रहे हैं। वे कहाँ से और किस देश से आ रहे हैं? उनका Age Group क्या है? वे कौनसा डिवाइस इस्तेमाल कर रहे हैं? कौनसे Webpages को ज्यादा पसंद कर रहे हैं? वगैरह-वगैरह।
कहने का मतलब यह है कि आप अपनी वेबसाइट को भली प्रकार से Analyse करके उसमें सुधार कर सकते हैं। जैसे कि यूजर्स की पसंद के हिसाब से Content तैयार करना। User Interface में बदलाव करना। एक Age Group विशेष को टारगेट करना। Post Publish करने का समय निर्धारित करना। Website व Content को Improve करना आदि।
SEO के प्रकार
अगर आप SEO के बारे में थोड़ी-सी भी जानकारी रखते हैं! तो यह जरूर जानते होंगे कि SEO के तीन मुख्य प्रकार हैं। और ये तीन प्रकार (Types of SEO) हैं :- On-Page SEO, Off-Page SEO और Technical SEO. आइए! इनके बारे में थोड़ा-सा जान लेते हैं:-
On-Page SEO
ऑन-पेज एसईओ का अर्थ है ब्लॉग या वेबसाइट पर मौजूद Content को ऑप्टिमाइज़ करना। अर्थात् रैंकिंग में सुधार के लिए कॉन्टेंट को उपयोगी बनाना। इसमें नियमित रूप से Quality Content लिखना, Content में Keywords एड करना, Keyword Density का ध्यान रखना, Title और Metatag लिखना, इमेजेज के लिए Alt Tags लिखना, Internal Linking करना, Outbound Links (External Links) एड करना, कॉन्टेंट की लेंथ को Maintain करना आदि शामिल है।
Off-Page SEO
ऑफ-पेज एसईओ का मतलब है, Blog या Website के बाहर का एसईओ। अर्थात् दूसरे ब्लॉग्स और वेबसाइट्स पर किया जाने वाला ऑप्टिमाइजेशन। यह बेसिकली, आपकी वेबसाइट को Recommandation प्रदान करता है। यानि कि दूसरी वेबसाइट्स से Traffic लाने में मदद करता है। इसमें मुख्यत: Backlinks बनाना, Guest Posting, Blog Commenting, Social Media Sharing और Bookmarking शामिल है। हालाँकि इसमें काफी समय लगता है, लेकिन यह SEO की सफलता का अभिन्न अंग है।
Technical SEO
यह आपकी वेबसाइट के तकनीकी पक्ष को बेहतर बनाने की एक प्रक्रिया है। इसका आपके Content से कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन Site Health और Security के लिहाज से यह बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें मूलतः वेबसाइट का डिजायन (User Interface), Navigation System, Security, Site Loading Speed, Usability, AMP Version, Robot Files, XML Sitemap, Stylesheet, Social Sharing आदि शामिल है। इसका मकसद वेबसाइट को Healthy और Easy To Use बनाना है। साथ ही User Experience को बेहतर बनाना है।
SEO कैसे करें?
एसईओ कोई Rocket Science नहीं है। बल्कि यह एक Skill है, जिसे थोड़ी-सी मेहनत और Practice से सीखा जा सकता है। बस आपकी इच्छा होनी चाहिए। अगर आप धैर्य और लगन के साथ Regular Practice करें, तो कुछ ही समय में SEO के जानकार बन सकते हैं। लेकिन अगर आप चाहते हैं कि सिर्फ 2-4 आर्टिकल पढकर आप SEO के मास्टर बन जाऐंगे! तो यह संभव नहीं है। क्योंकि एसईओ कोई एक टेक्नीक नहीं है। बल्कि यह टेक्नीक्स का एक ग्रुप (Group of Techniques) है, जिसमें कई सारी टेक्नीक्स हैं। इसीलिए एक-एक टेक्नीक को सीखना और आजमाना (Practice, Analysis, Improvement) पड़ता है।
असल में, एसईओ एक निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है, जो कभी खत्म नहीं होती। यह हमेशा चलती रहती है। और एक Blogger रोज इस प्रक्रिया को फॉलो करता है। यानि कि वह प्रत्येक आर्टिकल के लिए Topic Research से लेकर Keyword Research, Content Optimization, Link Building, Marketing… इस क्रम बार-बार और लगातार दोहराता रहता है।
असल में, SEO की शुरुआत तभी हो जाती है, जब आप किसी टॉपिक पर आर्टिकल लिखने के बारे में सोचते हैं। क्योंकि टॉपिक का चयन करना (Topic Research) भी एसईओ का ही एक हिस्सा है। इससे आपको पता चल जाता है कि आप जिस टॉपिक का चुनाव करने जा रहे हैं, वह चलेगा या नहीं? यानि कि आप गलत, Dead और खत्म हो चुके टॉपिक का चयन करने से बच जाते हैं। खैर, आइए विस्तार से समझते हैं कि SEO Kaise Kare?
Content
कॉन्टेंट को लेकर 1996 में Microsoft के Founder Bill Gates ने कहा था “Content Is King“. साथ ही उन्होंने यह भी भविष्यवाणी की थी कि “कॉन्टेंट में वास्तविक पैसा बहुत अधिक होगा। यानि कि “Content Is Money“. उनकी यह भविष्यवाणी बिल्कुल सच साबित हुई। क्योंकि आज Content की वजह से लोग अंधाधुंध पैसे कमा रहे हैं। और कॉन्टेंट वाकई Real Money है। खैर, पॉइंट पर आते हैं! और जानने की कोशिश करते हैं कि SEO के Point of View से कॉन्टेंट कितना महत्वपूर्ण है?
Why Is Content King?
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि एक Google User को सबसे ज्यादा खुशी तब होती है, जब उसे उसकी समस्या का सही समाधान मिल जाता है। यानि कि जो परिणाम उसकी Expectation के अनुरूप होता है! उसकी समस्या का पूरी तरह समाधान करता है! और उसकी आवश्यकता को पूरा करता है! वह परिणाम उसके लिए “सर्वश्रेष्ठ परिणाम” होता है। और हर यूजर इसी तरह के परिणामों की उम्मीद करता है। इसीलिए हर सर्च इंजन, सबसे Relevant, Reliable, Useful और Quality Content को Priority देता है।
इसका मतलब यह है कि SEO के लिए सबसे पहले High Quality Content चाहिए। क्योंकि अगर कॉन्टेंट अच्छा नहीं होगा, तो Super Advanced SEO भी किसी काम का नहीं है। ठीक उसी तरह, जिस तरह दुनिया की सबसे अच्छी Marketing भी एक खराब प्रोडक्ट को नहीं बेच सकती।
कहने का अर्थ यह है कि सबसे पहले आपको उच्च गुणवत्ता वाला कॉन्टेंट तैयार करना पड़ेगा। और एक थोड़ा मुश्किल है लेकिन नामुमकिन बिल्कुल नहीं है। क्योंकि SEO भी बाकी Skills की तरह ही एक Skill है, जो आसानी से सीखा जा सकता है। अगर आप थोड़ी-सी Practice करेंगे तो काफी अच्छा कॉन्टेंट तैयार कर पाऐंगे। कैसे? आइए, जानते हैं।
Elements of Content
सबसे पहले आपको Content के Main Elements को समझना पड़ेगा। यानि कि जो Elements कॉन्टेंट में वैल्यू और क्वालिटी एड करते हैं, उन्हें समझना पड़ेगा। लेकिन समस्या यह है कि ऐसे लाखों तत्व है, जो High Quality Content तैयार करने में Use जाते हैं। ऐसे में हम सिर्फ कुछ महत्वपूर्ण एलीमेंट्स के बारे में ही बात करेंगे। तो आइए, जानते हैं कि वे कौन-कौनसे Elements हैं :-
1. Quality
यह कॉन्टेंट के सबसे महत्वपूर्ण एलीमेंट्स में से एक है। जब आप Quality Keyword के साथ काम करते हैं, तो कॉन्टेंट का Rank होना आसान हो जाता है। लेकिन सिर्फ कीवर्ड्स ठूँस देने से कॉन्टेंट की Quality नहीं बढ़ जाती। कॉन्टेंट का उपयोगी होना भी जरूरी है। अगर आप Keywords का इस्तेमाल करके आर्टिकल लिख रहे हैं! और किसी समस्या का समाधान प्रस्तुत कर रहे हैं, तो आपका कॉन्टेंट निःसंदेह यूजर्स के लिए उपयोगी साबित होगा। और उसे रैंकिंग मिलना भी आसान हो जाएगा।
लेकिन आजकल कई सारी Online Business Website अपने Products और Services के बारे में जानकारी देने के लिए नियमित Blogs लिखती हैं। और इनका Content काफी अच्छा और उच्च गुणवत्ता वाला होता है। इसीलिए ये Top पर Rank करती हैं। हालांकि इससे Competetion बढ़ रहा है। लेकिन अपने कॉन्टेंट के दम पर आप अब भी आराम से रैंक कर सकते हैं।
2. Intent
गूगल User Intent पर बहुत जोर देता है। यानि कि जब कोई यूजर, गूगल पर कुछ टाइप करता हैं तो Google यह जानने की कोशिश करता है कि User का Intent क्या है? यानि कि वह क्या जानना चाह रहा है? जैसे कि अगर कोई गूगल पर Green Tea टाईप करेगा तो गूगल यह जानना चाहेगा कि यूजर क्या चाहता है?
- क्या वह जानकारी लेना चाहता हैं?
- क्या वह किसी वेबसाइट पर जाना चाहता है?
- क्या वह कॉफी-शॉप की तलाश कर रहा है?
- क्या वह Online Shopping करना चाहता है?
एक Content Creator के रूप में आपको User Intent को समझने की जरूरत है। क्योंकि Ranking के लिए यह एक बड़ा Factor है। अगर आप ठंड के मौसम में “Best AC For Winters” कीवर्ड को रैंक कराना चाह रहे हैं! तो शायद नहीं करवा पाऐंगे। क्योंकि ठंड के मौसम में AC कोई सर्च नहीं करता। ठंड के मौसम में लोग “Best Heater” सर्च करते हैं, न की AC. इसीलिए आपकी साइट रैंक नहीं करेगी।
3. Freshness
अगर आपके ब्लॉग पर कोई पुराना आर्टिकल है और आपने उसे अपडेट नहीं किया है! तो यकीन मानिए, गूगल की नजरों में वह Outdated हो चुका है। अब गूगल उसे Recommend नहीं करेगा। बल्कि उसकी जगह उसी विषय पर लिखे हुए दूसरे आर्टिकल्स को Recommend करेगा, जो नये हैं। इसलिए पुराने कॉन्टेंट को Update करना बहुत जरूरी है।
अगर आपके ब्लॉग पर पुराने आर्टिकल्स हैं, तो उन्हें समय-समय पर Update करें। आप आप पूछेंगे कि कैसे अपडेट करें? आखिर नया जोड़ें? तो आपको बताना चाहूंगा कि ऐसी कई सारी चीज़ें हैं जो आप पुराने कॉन्टेंट के साथ कर सकते हैं। जैसे कि आंकड़ों को दुरूस्त करना। Broken Links को हटाना। नये तथ्य एड करना। Latest आर्टिकल की Links एड करना आदि। इन अपडेट्स के जरिए आप पुराने कॉन्टेंट को Fresh Content में बदल सकते हैं।
Quality Content कैसे लिखें?
अब सवाल यह है कि क्वालिटी कॉन्टेंट कैसे लिखें? यानि कि SEO Friendly कॉन्टेंट कैसे लिखें? How to write quality content? तो आइए, जानते हैं कि पाठकों को पसंद आने वाला उपयोगी कॉन्टेंट कैसे लिख सकते हैं?
- उपयोगकर्ता के Intent को समझें: आपको यह समझना होगा कि एक यूजर क्या जानना चाहता है? और उसके क्या-क्या सवाल हो सकते हैं? आपको उन सारे सवालों का जवाब देना होगा।
- एक यूजर के हिसाब से सोच विकसित करें: अपने पाठकों के हिसाब से सोच विकसित कीजिए। और उन्हें जानिए कि वे कौन है? उन्हें क्या पसंद है, क्या नापसंद हैं? और वे वहां क्यों हैं?
- छोटे पैराग्राफ्स लिखें: लंबे Paragarphs पाठकों को बोर करते है। इसलिए छोटे पैराग्राफ लिखें। और पैराग्राफ्स की फॉर्मेटिंग सही रखें।
- Content को Actionable बनाये: अपने कॉन्टेंट को प्रोपर Headings (H2, H3) और Sections में विभाजित करें। ताकि यूजर्स आसानी से नेविगेट कर सकें और वे भ्रमित ना हों।
Useful SEO Tools
एसईओ, एक लम्बी और थका देने वाली प्रक्रिया है। लेकिन इसे आसान बनाने के लिए मार्केट में कई सारे SEO Tools मौजूद हैं! इन टूल्स की मदद से आप अपने कॉन्टेंट को आसानी से Search Engines के अनुसार Optimize कर सकते हैं। साथ ही Keyword Research, SEO Report, SEO Strategy और SERPs पर रैंक कर रही Website को Analyze भी कर सकते हैं।
Semrush
इसकी मदद से अपने Keyword Research से लेकर Competitor Analysis, Link Building, Market Analysis, Ranking Tracker और SSM जैसे सैंकड़ों काम कर सकते हैं। यह एक Complete SEO Service है।
Google Analytics
यह एक गूगल सर्विस है, जो पूरी तरह फ्री हैं। इसकी मदद आप अपनी Website पर आने वाला Traffic का 360° Analysis कर सकते हैं। यानि कि अपने Visitors के बारे में सब-कुछ जान सकते हैं। जैसे कि उनकी कंट्री, शहर, उम्र, डिवाइस, एक्टिविटीज, पसंद, नापसंद वगैरह-वगैरह।
Search Console
यह भी गूगल का ही एक फ्री टूल है! जो Search से रिलेटेड Data दिखाता है। Search Cosole आपको यह बताता है कि आपकी वेबसाइट Google Search में कैसा प्रदर्शन कर रही है? और किन-किन कीवर्ड्स पर रैंक कर रही है। साथ ही यह आपको Errors, Cyber Attacks, Bot Attacks और Security से संबंधित जानकारी भी देता है।
Yoast SEO
यह एक WordPress Plugin है, जो On-Page SEO के लिए काफी अच्छा टूल है। इसमें आपको Meta Tag, Meta Title, Meta Description, Schema, Keyword Density, Breadcrumbs, Images ALT Tag, Content Length और Social Sharing जैसे कई सारे विकल्प मिल जाते हैं। वैसे तो यह एक Paid Tool है। लेकिन इसका Free Vesion भी उपलब्ध है।
Ahrefs
यह भी एक पॉपुलर और Feature-Rich SEO Service है। जो SEO Audit, Rank Tracker, Keyword Explorer और Backlink Cheaker जैसी दर्जनों SEO Services मुहैया करवाती है।
Google Trends
गूगल ट्रेंड्स की मदद से आप गूगल पर Trend कर रहे पॉपुलर Topics और Keywords के बारे में जान सकते हैं। और उन्हें इस्तेमाल करके Quality Content तैयार कर सकते हैं। जो आपकी Website को Top पर Rank करने में मदद करेगा।
निष्कर्ष
यह पोस्ट SEO का अंत नहीं, शुरुआत है। क्योंकि एसईओ, एक बहुत ही बड़ा और विस्तृत विषय है, जिसे एक पोस्ट में कवर करना नामुमकिन है। तथापि, इस पोस्ट में मैंने SEO का एक बेसिक परिचय देने की कोशिश की है। ताकि आप यह समझ सकें कि SEO Kya Hai? Search Engine कैसे काम करता हैं? और सर्च इंजन्स के हिसाब से कॉन्टेंट को किस तरह Optimize किया जाता है? हालांकि इन विषयों पर हम आने वाले आर्टिकल्स में विस्तार से चर्चा करेंगे। क्योंकि Sevilink पूरी तरह SEO को समर्पित वेबसाइट है।
उम्मीद है, यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा! अगर पसंद आया तो इसे लाइक और शेयर जरूर करना। और आने वाले आर्टिकल्स के लिए Sevilink को सब्सक्राइब कर लीजिए, ताकि जैसे ही आर्टिकल पब्लिश हो, आपको नोटिफिकेशन मिल जाए। SEO और Blogging से जुड़ी जानकारी के लिए सेवीलिंक से जुड़ें रहें।
Frequently Asked Questions
Q. एसईओ क्या है?
A. SEO (Search Engine Optimization) का मतलब है, किसी वेबसाइट या वेबपेज को इस तरह से ऑप्टिमाइज़ करना कि जब कोई यूजर उसे Internet पर सर्च करे, तो उसे वह SERP (Search Engine Results Page) के टॉप पर दिखाई दे। यानि कि यह एक वेबसाइट या वेबपेज को Search Engines के अनुरूप Optimize करने की एक प्रकिया है।
Q. एसईओ के कितने प्रकार हैं?
A. मुख्य रूप से SEO के तीन प्रकार हैं:- ऑन-पेज एसईओ (On-Page SEO), ऑफ-पेज एसईओ (Off-Page SEO), और टेक्नीकल एसईओ (Technical SEO).
Q. एसईओ और कॉन्टेंट में क्या संबंध है?
A. एसईओ एक मार्केटिंग टेक्नीक है, जबकि कॉन्टेंट एक प्रोडक्ट है। यानि कि Content Is King. यह जरूरी है। क्योंकि यह SEO का आधार है! कॉन्टेंट के बिना “एसईओ” का कोई अस्तित्व नहीं है। कॉन्टेंट है, तो एसईओ है। वरना बिना कॉन्टेंट के एसईओ का कोई मतलब नहीं है। इसीलिए कॉन्टेंट पर फोकस करें।